One Stop Solution for Vertigo and Dizziness

    मैक्लिज़ाइन टैब्लैट (मैक्लिज़ाइन हाइड्रोक्लोराइड)

    निम्नलिखित ब्राण्ड के नामों से उपलब्ध: ऐन्टिवर्ट (Antivert), मैनि-डी (Meni-D), मैक्लोज़ाइन (Meclozine), बोनाइन (Bonine), ड्रैमामाइन (Dramamine), वर्टीकाम (VertiCalm), डी-वर्ट (D-Vert), मैक्लीकॉट (Meclicot), मैडीवर्ट (Medivert), ड्रिमिनेट टू (Driminate II), बोनामाइन पोस्टाफैन (Bonamine Postafen) और प्रैग्नीडॉक्सिन (Pregnidoxin).

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    मैक्लिज़ाइन के बारे में

    मैक्लिज़ाइन या मैक्लिज़ाइन हाइड्रोक्लोराइड का उपयोग ऐण्टी-वर्टिगो (anti-vertigo) दवा के रूप में वर्टिगो तथा असंतुलन के लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है।

    मैक्लिज़ाइन एक ऐण्टीहिस्टामाइन (antihistamine agent) की तरह क्रिया करता है जिसमें ऐण्टीऐमैटिक (antiemetic) एवं ऐण्टीस्पैस्मौडिक (antispasmodic) गुण होते हैं। ऐण्टीहिस्टामाइन पदार्थ हिस्टामाइन (जो किसी ऐलर्जिक रिऐक्शन (allergic reaction) की प्रतिक्रिया के रूप में शरीर में उत्पन्न होने वाला एक रसायन है) के प्रभाव को कम करते हैं। इसका उपयोग यात्रा के समय जी मचलाने या उल्टी होने की प्रक्रिया को रोकता है।

    ऐसीटाइलकोलाइन (Acetylcholine) नामक न्यूरोट्रांसमिटर (neurotransmitter) पर अपने ऐण्टीकोलिनर्जिक (anticholinergic) प्रभाव द्वारा मैक्लिज़ाइन केन्द्रीय नसों (central nervous system) को दबा देती है।

    ऐसा पाया गया है कि कान के भीतरी हिस्से की कोशिकाओं के कार्य को नियंत्रित करके मैक्लिज़ाइन संतुलन की नस की उत्तेजना को कम करके चक्कर आने या सिर घूमने जैसे वर्टिगो के लक्षणों के उपचार में सहायता करता है।

    चूँकि यह दवा केन्द्रीय मस्तिष्क की क्रियाओं को कम कर देती है, इसी वजह से यह जी मचलाने और उल्टी आने की अनुभूति होने को भी कम करती है और इसीलिए इसे ऐण्टीऐमैटिक घटक (antiemetic agent) के रूप में motion sickness (सफ़र करते समय तबीयत का ख़राब होना) को नियंत्रित करने के लिए प्रयोग किया जाता है।

    अपने ऐण्टीस्पैस्मौडिक (antispasmodic) गुण के कारण यह दवा मांसपेशियों में जकड़न को कम करता है।

    उपरोक्त गुण विभिन्न प्रकार के चिकित्सा-सम्बन्धी विषयों में मैक्लिज़ाइन के प्रयोग को सम्भव बनाते हैं।

    दवा की मात्रा

    मैक्लिज़ाइन 12.5 मिलिग्राम सबसे कम शक्ति वाली मात्रा होती है। यह दवाई 25 मिलिग्राम, 32 मिलिग्राम, 50 मिलिग्राम और 100 मिलिग्राम की मात्राओं में भी उपलब्ध है।

    • Motion sickness (सफ़र करते समय तबीयत का ख़राब होना) के मरीज़ों को यात्रा शुरू करने से कम से कम एक घण्टे पहले मैक्लिज़ाइन टैब्लेट लेनी चाहिए। इसकी मात्रा 12.5 मिलिग्राम से 50 मिलिग्राम के बीच हो सकती है। जिनकी सफ़र के दौरान तबीयत खराब होती हो, उन्हें 8 घण्टों के अंतराल पर यह दवा वापिस लेनी चाहिए।
    • ऐसे मरीज़ जो वर्टिगो की समस्या के लिए मैक्लिज़ाइन लेते हों, वे इसे 25 से 100 मिलिग्राम की मात्रा में 5 दिनों तक के लिए प्रतिदिन दो या तीन बार ले सकते हैं।

    इस दवा के प्रयोग द्वारा इच्छित परिणाम पाने के लिए डॉक्टर की सलाह के अनुसार चलना आवश्यक है।

    12 वर्ष से कम आयु के बच्चों को और 65 वर्ष से अधिक आयु के मरीज़ों को मैक्लिज़ाइन टैब्लेट के प्रयोग से बचना चाहिए।

    गर्भावस्था एवं स्तनपान के दौरान मैक्लिज़ाइन के प्रयोग को सुरक्षित माना जाता है। डॉक्टर को इस बारे में जानकारी देने से वह आपको बेहतर चिकित्सा प्रदान कर सकेंगे।

    डॉक्टर द्वारा निर्धारित मात्रा से ज़्यादा मात्रा में मैक्लिज़ाइन लेना उचित नहीं होता। अगर किसी समय आप इसे लेना भूल गए हों, तो भरपाई के तौर पर अगली बार एक साथ दोगुना मात्रा में इसे लेने के बजाय उतनी ही मात्रा में लें जितनी अगली बार के लिए निर्धारित है।

    दवा का स्वरूप

    मैक्लिज़ाइन टैब्लेट, कैप्सूल और चबाने वाली गोली के रूप में उपलब्ध है।

    मैक्लिज़ाइन एक सामान्य तौर पर पायी जाने वाली दवा है जो अलग-अलग ब्राण्ड के नामों से उपलब्ध है। इसके कुछ प्रसिद्ध नाम हैं ऐन्टिवर्ट (Antivert), मैनि-डी (Meni-D), मैक्लोज़ाइन (Meclozine), बोनाइन (Bonine), ड्रैमामाइन (Dramamine), वर्टीकाम (VertiCalm), डी-वर्ट (D-Vert), मैक्लीकॉट (Meclicot), मैडीवर्ट (Medivert), ड्रिमिनेट टू (Driminate II), बोनामाइन पोस्टाफैन (Bonamine Postafen) और प्रैग्नीडॉक्सिन (Pregnidoxin).

    दुष्प्रभाव (side-effects)

    मैक्लिज़ाइन हाइड्रोक्लोराइड के प्रयोग से सुस्ती (drowsiness) आती है। मैक्लिज़ाइन का प्रयोग करने के दौरान मदिरा या शराब पीना, गाड़ी चलाना या शारीरिक श्रम वाले कार्य जैसे व्यायाम, दौड़ना, किसी मशीन पर काम करना इत्यादि नहीं करने चाहियें।

    मैक्लिज़ाइन के कुछ दुष्प्रभाव (side-effects) निम्नलिखित हैं जो कुछ लोगों में हो सकते हैं:

    • मुँह सूखना
    • धुंधला दिखाई देना
    • सरदर्द होना
    • उल्टी आना
    • confusion होना
    • संज्ञानात्मक सामर्थ्य (cognitive ability) का कम हो जाना
    • थकान लगना
    • खाँसी होना
    • कब्ज़ होना
    • दस्त लगना
    • निम्न रक्त चाप (hypotension)
    • त्वचा पर लाल निशान
    • मुँह, गला, होंठ और जीभ का सूज जाना
    • घबराहट होना
    • खुजली होना
    • छाती में अकड़न होना
    • साँस लेने में तक्लीफ़ होना

    इन सब में से कई दुष्प्रभाव (side-effects) दवा का असर रहने तक ही रहते हैं और दवा खाना छोड़ देने के बाद चले जाते हैं।

    हालाँकि अगर इनमें से कोई भी दुष्प्रभाव (side-effects) कम न हो या बिगड़ता चला जाए, तो तुरन्त अपने डॉक्टर से सम्पर्क करें।

    अन्य दवाओं के साथ मैक्लिज़ाइन हाइड्रोक्लोराइड लेने पर इसके कुछ अलग परिणाम हो सकते हैं। इस प्रकार के परिणामों से बचने के लिए आपके द्वारा पहले से ली जा रही दवाइयों के बारे में डॉक्टर को ज़रूर बताएं।

    बीमारियाँ

    यदि आप निम्नलिखित में से किसी भी बीमारी से पीड़ित हैं तो आपके डॉक्टर को इसके बारे में पता होना चाहिए:

    • सांस सम्बंधी समस्या (respiratory disorders)
    • हृदय सम्बन्धी समस्याएँ
    • ग्लूकोमा (glaucoma) (आँखों का रोग) – काला पानी
    • पेट की समस्याएँ (gastrointestinal disorder)
    • बढ़ी हुई पौरुष ग्रंथि (enlarged prostate)
    • गुर्दा (kidney) या यकृत (liver) के विकार

    इन चिकित्सा समस्याओं या बीमारियों में डॉक्टर मैक्लिज़ाइन का इस्तेमाल करने की सलाह नहीं देते क्योंकि या तो वह इन बीमारियों को और बिगाड़ देती है या फिर इन बीमारियों के लिए चल रही दवाइयों के साथ इस दवाई का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

    मैक्लिज़ाइन और वैस्टिब्यूलर विकार (Vestibular Disorder)

    जैसा कि इस लेख के प्रारम्भिक भाग में बताया गया था कि मैक्लिज़ाइन संतुलन की नस की उत्तेजना (vestibular stimulation) को कम करने के लिए केन्द्रीय स्नायुतंत्र (central nervous system) की गतिविधियों को कम करके और उसका शमन (sedation) करके कार्य करती है। यह क्रिया चक्कर आने या सर घूमने जैसे गम्भीर वर्टिगो के लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद करती है।

    यह दवा वर्टिगो के उन मरीज़ों के लिए उपयुक्त है जो वर्टिगो के गम्भीर लक्षणों का सामना कर रहे हों। इस दवा को 5 दिनों से ज़्यादा नहीं लेना चाहिए।
    इस दवा का निरंतर प्रयोग मस्तिष्क की क्षतिपूर्ति में हस्तक्षेप करेगा जिससे कम या अपूर्ण स्वास्थ्य-लाभ होगा। इसके बजाय वैस्टिब्यूलर पुनर्वासन चिकित्सा (vestibular rehabilitation therapy) और शारीरिक क्रियाओं जैसे केन्द्रीय प्रतिपूरक उपचार (central compensatory treatment) वर्टिगो की समस्या का इलाज प्रदान करने में सहायता करते हैं। इस उपचार के बाद मरीज़ के उपचार के परिणामों को सुधार देती है।

    मैक्लिज़ाइन दवा चक्कर आने, अस्थिरता होने और असंतुलन होने की समस्याओं को सही नहीं करती। यह दवा मुख्य रूप से वर्टिगो के उन मरीज़ों को लेने की सलाह दी जाती है जिन्हें गम्भीर स्तर के वैस्टिब्यूलर विकार जैसे मैनीएरेज़ रोग (Meniere’s disease), लेबीरिन्थाइटिस (labyrinthitis), वैस्टिब्यूलर न्यूराइटिस (vestibular neuritis) हों। जैसे ही यह गम्भीर लक्षण कम होने लगें, तो जितनी जल्दी हो सके मैक्लिज़ाइन लेना बंद कर देना चाहिए।

    खंडन/अस्वीकरण (Disclaimer)

    सभी वस्तुओं के तथा कम्पनियों के नाम उनके धारकों के ट्रेडमार्क या पंजीकृत ट्रेडमार्क हैं। इन नामों का प्रयोग उनके धारकों के साथ किसी भी प्रकार के संबंध का होना या धारकों का समर्थन प्राप्त होना नहीं दर्शाता।

    हमने यह सुनिश्चित करने के सभी सम्भव प्रयास किए हैं कि यहाँ दी गईं सभी जानकारियाँ सटीक, अद्यतन (up-to-date) और पूर्ण हों लेकिन इन जानकारियों को पेशेवर चिकित्सकीय परामर्श, रोग की पहचान एवं उसके उपचार का विकल्प नहीं समझा जाना चाहिए। NeuroEquilibrium™ दवाओं से संबन्धित सामान्य जानकारियों का केवल निर्देशक स्रोत प्रदान करता है और उन जानकारियों की यथार्थता और संपूर्णता की कोई गारंटी नहीं देता। किसी भी दवाई या उस दवाई के किसी और दवा के साथ मेल के बारे में चेतावनी के ना होने को इस बात का संकेत नहीं माना जाना चाहिए कि वह दवा या उन दो दवाइयों का मिश्रण किसी भी मरीज़ के लिए सुरक्षित, कारगर या उचित है। कृपया चिकित्सा से संबन्धित अपने सभी फैसलों को केवल और केवल डॉक्टर या किसी पंजीकृत चिकित्सा पेशेवर के परामर्श पर ही आधारित करें।

    डॉ अनीता भंडारी

    डॉ अनीता भंडारी एक वरिष्ठ न्यूरोटॉलिजिस्ट हैं। जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज से ईएनटी में पोस्ट ग्रेजुएट और सिंगापुर से ओटोलॉजी एंड न्यूरोटोलॉजी में फेलो, डॉ भंडारी भारत के सर्वश्रेष्ठ वर्टिगो और कान विशेषज्ञ डॉक्टरों में से एक हैं। वह जैन ईएनटी अस्पताल, जयपुर में वरिष्ठ सलाहकार के रूप में जुड़ी हुई हैं और यूनिसेफ के सहयोग से 3 साल के प्रोजेक्ट में प्रिंसिपल इंवेस्टिगेटर के रूप में काम करती हैं, जिसका उद्देश्य 3000 से अधिक वंचित बच्चों के साथ काम करना है। वर्टिगो और अन्य संतुलन विकारों के निदान और उपचार के लिए निर्णायक नैदानिक ​​उपकरण जयपुर में न्यूरोइक्विलिब्रियम डायग्नोस्टिक सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा विकसित किए गए हैं। उन्होंने वीडियो निस्टागमोग्राफी, क्रैनियोकॉर्पोग्राफी, डायनेमिक विज़ुअल एक्यूआई और सब्जेक्टिवेटिव वर्टिकल को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डॉ अनीता भंडारी ने क्रैनियोकॉर्पोग्राफी के लिए अपने एक पेटेंट का श्रेय दिया है और वर्टिगो डायग्नोस्टिक उपकरणों के लिए चार और पेटेंट के लिए आवेदन किया है। वर्टिगो रोगियों का इलाज करने के लिए वर्चुअल रियलिटी का उपयोग करके अद्वितीय वेस्टिबुलर पुनर्वास चिकित्सा विकसित की है। उन्होंने वेस्टिबुलर फिजियोलॉजी, डायनेमिक विज़ुअल एक्युइटी, वर्टिगो के सर्जिकल ट्रीटमेंट और वर्टिगो में न्यूरोटोलॉजी पाठ्यपुस्तकों के लिए कठिन मामलों पर अध्यायों का लेखन किया है। उन्होंने वर्टिगो, बैलेंस डिसऑर्डर और ट्रीटमेंट पर दुनिया भर में सेमिनार और ट्रेनिंग भी की है। डॉ अनीता भंडारी एक वरिष्ठ न्यूरोटॉलिजिस्ट हैं। जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज से ईएनटी में पोस्ट ग्रेजुएट और सिंगापुर से ओटोलॉजी एंड न्यूरोटोलॉजी में फेलो, डॉ भंडारी भारत के सर्वश्रेष्ठ वर्टिगो और कान विशेषज्ञ डॉक्टरों में से एक हैं। वह जैन ईएनटी अस्पताल, जयपुर में वरिष्ठ सलाहकार के रूप में जुड़ी हुई हैं और यूनिसेफ के सहयोग से 3 साल के प्रोजेक्ट में प्रिंसिपल इंवेस्टिगेटर के रूप में काम करती हैं, जिसका उद्देश्य 3000 से अधिक वंचित बच्चों के साथ काम करना है। वर्टिगो और अन्य संतुलन विकारों के निदान और उपचार के लिए निर्णायक नैदानिक ​​उपकरण जयपुर में न्यूरोइक्विलिब्रियम डायग्नोस्टिक सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा विकसित किए गए हैं। उन्होंने वीडियो निस्टागमोग्राफी, क्रैनियोकॉर्पोग्राफी, डायनेमिक विज़ुअल एक्यूआई और सब्जेक्टिवेटिव वर्टिकल को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डॉ अनीता भंडारी ने क्रैनियोकॉर्पोग्राफी के लिए अपने एक पेटेंट का श्रेय दिया है और वर्टिगो डायग्नोस्टिक उपकरणों के लिए चार और पेटेंट के लिए आवेदन किया है। वर्टिगो रोगियों का इलाज करने के लिए वर्चुअल रियलिटी का उपयोग करके अद्वितीय वेस्टिबुलर पुनर्वास चिकित्सा विकसित की है। उन्होंने वेस्टिबुलर फिजियोलॉजी, डायनेमिक विज़ुअल एक्युइटी, वर्टिगो के सर्जिकल ट्रीटमेंट और वर्टिगो में न्यूरोटोलॉजी पाठ्यपुस्तकों के लिए कठिन मामलों पर अध्यायों का लेखन किया है। उन्होंने वर्टिगो, बैलेंस डिसऑर्डर और ट्रीटमेंट पर दुनिया भर में सेमिनार और ट्रेनिंग भी की है।

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